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झबरेड़ा::- नवंबर माह होता है गेहूं की बुवाई के लिए मुफीद , किसान खराब गन्ने की फसल को काट अच्छी फसल पानी के लिए कर रहे गेहूं की बुवाई

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झबरेड़ा। उक्त समय नवंबर माह में गेहूं कीअगेती बुवाई का समय जोरों पर चल रहा है कृषि वैज्ञानिकों तथा किसानों द्वारा नवंबर माह गेहूं की बुवाई का समय मुफीद माना जाता है वर्तमान सत्र में किसानों द्वारा खेतों में खड़ी गन्ने की फसल को काटकर उसमें गेहूं की बुवाई कर रहे हैं इस वर्ष गेहूं बुवाई का रकबा भी बढ़ना तय माना जा रहा है।

किसान खेतों में खड़ी गन्ने की फसल की कटाई करने के बाद साथ साथ खेत तैयार कर किसान गेहूं की फसल की बुवाई कर रहे हैं कस्बे में क्षेत्रीय किसान यशवीर सिंह राजवीर रोहित कुमार सुलेमान भोला सिंह कपिल सैनी अभय कुलदीप प्रदीप नवनीत सुशील कुमार शहजाद अली का कहना है कि इस बार अधिक बारिश होने से खेतों में गन्ने की फसल कमजोर रह गई है फसल कमजोर होने पर किसान खेत में खड़ी गन्ने की फसल को शीघ्र कटाई कर उसमें गेहूं की बुवाई कर रहे हैं किसानों का कहना है कि इस बार खेतों में खड़ी गन्ने की फसल की रिकवरी प्रति बीघा 25 कुंतल से 40 कुंतल तक ही रह गई है जबकि पूर्व में यही गन्ने की फसल की रिकवरी लगभग 80 कुंतल प्रति बीघा रहती थी इस बार किसानों को गन्ने की फसल ने रुला दिया है किसानों को लागत भी नहीं मिल पा रही है इसलिए सभी किसानों का सोचना है कि गन्ने की हल्की फसल की कटाई जल्दी से जल्दी कर उसमें गेहूं की बुवाई की जा सके जिससे गेहूं की फसल की पैदावार अच्छी हो सके कुछ लघु किसानों द्वारा अक्टूबर में गन्ने के खेत खाली कर उसमें सरसों की फसल की बुवाई की गई थी छोटे किसानों द्वारा खेतों में खड़ी गन्ने की पैडी समाप्त कर दी गई है किसानों का कहना है कि जब वह खेतों में जाते हैं तो गन्ने की फसल हल्की होने पर उनकी रुलाई फूट पड़ती है तथा वह दुखी होते हैं इसलिए जिस खेत में गन्ने की फसल कमजोर थी उसे खेत को खाली कर गेहूं की बुवाई की गई है इस बार गन्ने की फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा बनकर रह गई है समय से गेहूं की बुवाई होने से गेहूं की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद किसानों द्वारा जताई जा रही है साथ-साथ इस सत्र में गेहूं की बुवाई का रकबा भी बढ़ना तय माना जा रहा है साथी किसानों ने गन्ने की फसल खराब होने पर किसानों को जल्द मुआवजा देने की भी मांग शासन प्रशासन से की है।

 

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