

झबरेड़ा। यज्ञ से निकलने वाला धुँआ सुगंधित होता है जिसमें देसी घी व कई प्रकार की सुगंधित सामग्री होती है वह हवा में मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड को भी नष्ट करती है जिससे कई प्रकार की बीमारियां स्वयं ही नष्ट हो जाती है।
कस्बा झबरेड़ा में स्थित आर्य समाज मंदिर में यज्ञ करने के बाद आर्य समाज मंदिर अध्यक्ष चौधरी बिरम सिंह अपने विचार रख रहे थे उन्होंने कहा कि शरीर में मन को हमेशा पवित्र रखना चाहिए यज्ञ करने से जहां चारों दिशाएं शुद्ध होती है वहीं अनेक प्रकार की बीमारियों का अंत होता है यज्ञ करने से शारीरिक मानसिक व आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है इससे मन व मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ता है यज्ञ करने से यज्ञ में वेद मंत्रों द्वारा देसी घी व सामग्री मिलाकर जो आहुति दी जाती है उसे जहां एक भगवान ग्रहण कहते हैं वही चारों दिशाओं में हवा द्वारा सुगंधित वायु का संचार होता है हवा में जो प्रदूषण कर होते हैं यज्ञ से उठने वाली सुगंधित हवा चारों ओर फैल कर शुद्ध वायु का संचार करती है वायु में फैले विषाणु समाप्त हो जाते हैं यज्ञ करने से मन की शुद्धि के साथ-साथ अनेकों प्रकार के लाभ मनुष्य को प्राप्त होते हैं इसे देवताओं की भी कृपा प्राप्त होती है चौधरी ने कहा कि पूर्व काल में आश्रम व घर घर में यज्ञ किए जाते थे इसीलिए उस समय मनुष्यों की निरोगी काया हुआ करती थी यही कारण था उसे आम आदमी की लंबाई भी 6 फुट से ऊपर हुआ करती थी सभी को अपने घरों में समय-समय पर यज्ञ हवन करने चाहिए इस अवसर पर ईशम सिंह राम कुमार यशवीर सिंह यस मोद ब्रह्म सिंह विनोद कुमार रजत अशोक कुमार नीरज सिंह विक्रम सिंह राजपाल आदि मौजूद रहे।