झबरेड़ा::- नवरात्रि के छठे दिन की गई मां कात्यायनी की पूजा अर्चना , मां की पूजा अर्चना करने से मिलती है सद गति : सुनील शास्त्री


झबरेड़ा। भगवती दुर्गा के नरमाण मंत्र के एक-एक अक्षर के उच्चारण में महाशक्ति समाहित है भूल से भी मां जगदंबा के मंत्र का एक अक्षर का भी उच्चारण हो जाए तो मां जगदंबा उसे पर अपनी विशेष कृपा करती है।
कस्बा स्थित मां दुर्गा मंदिर में शारदीय नवरात्र के छठे दिन मां कात्यानी की पूजा अर्चना के बाद पंडित सुनील शास्त्री वहां उपस्थित भक्तों को मां की महिमा बता रहे थे उन्होंने बताया कि नवरात्रों के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है नवरात्रों के 9 दिन माता का जो भी भक्त मां जगदंबा की पूजा अर्चना सच्चे मन से करता है मां जगदंबा उसकी प्रत्येक मनोकामना पूरी करती है मां दुर्गा के ही अलग-अलग रूप की 9 दिन पूजा की जाती है मां भगवती की पूजा अर्चना करने से मनुष्य का जीवन धन्य होकर मृत्यु उपरांत मोक्ष का अधिकारी होता है सतयुग में अनेक प्रकार के ध्यान योग से परम गति प्राप्त होती है त्रेता युग में यज्ञ करने से परम गति प्राप्त होती है द्वापर युग में यज्ञ अनुष्ठान करने से शुभ गति मिलती है इस प्रकार कलयुग में जो भी मनुष्य मां जगदंबा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है उसे सद गति प्राप्त होती है।