झबरेड़ा। कस्बा व क्षेत्र में नवरात्र के शुभारंभ होने पर मां भगवती के भक्तों द्वारा घट स्थापना कर प्रथम शैलपुत्री की पूजा कर सुख शांति की कामना की गई।
सोमवार को शरद नवरात्रि के पावन अवसर पर मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ घटस्थापना कर जौं भी बोए गए मंदिरों को भी विशेष रुप से सजाएं गए नवरात्र के प्रथम दिन मां भगवती के भक्तों द्वारा सुबह से ही मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए भीड़ लग गई मंदिर में पूजा अर्चना कर मां भक्तों द्वारा अपने अपने घरों में घट स्थापना कर मां शैलपुत्री की पूजा करने के बाद सुख शांति की कामना की गई कस्बे में स्थित भगवान शिव व मां दुर्गा मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया तथा मां दुर्गा मंदिर में भी पूजा पाठ कर घट स्थापना की गई इस अवसर पर पंडित सुनील शास्त्री ने कहा कि नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री थी इससे पूर्व दक्ष प्रजापति की कन्या सती थी स्वती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में उस समय भस्म हो गई थी जब प्रजापति दक्ष द्वारा भगवान शिव की निंदा की गई थी उसके बाद संसार के कल्याण के लिए हिमालय के यहां उनकी पुत्री बनकर पैदा हुई थी हिमालय की पुत्री होने पर उनका नाम शैलपुत्री हुआ शैलपुत्री की प्रथम पूजा होती है सच्चे मन से जो भी इनकी पूजा-अर्चना करता है उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।