झबरेड़ा। नवरात्र के आठवें दिन मां भगवती के भक्तों द्वारा मंदिर व घरों में महागौरी की पूजा कर कन्याओं को भोजन करा दक्षिणा उपरांत नवरात्र पूजन की समाप्ति की गई।
झबरेड़ा कस्बा तथा ग्रामीण क्षेत्र में अष्टम नवरात्र पर मां महागौरी की पूजा करने के बाद विधि विधान से कन्याओं के पैर धोकर उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन कराया गया तथा दक्षिणा देकर नवरात्र व्रत का समापन मां देवी भक्तों द्वारा किया गया पंडित श्याम शर्मा का कहना है कि नवरात्र में सच्चे मन से मां दुर्गा के नव रूप जिनमें शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा कुष्मांडा स्कंदमाता कात्यानी माता मां कालरात्रि महागौरी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना सच्चे मन से करता है उसके सभी दुख संकट मिट जाते हैं आठवें स्वरूप को महागौरी माता की पूजा की जाती है अधिकतर देवी भक्त अष्टम नवरात्र को ही कन्या पूजन कर अपने नवरात्र पूजा को समापन कर देते हैं कहा जाता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा ने घोर तपस्या की थी बहुत तपस्या करने के कारण माता का रूप काला पड़ गया था माता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता को दर्शन दिए तथा उन्हें उनकी अर्धांगिनी बनने का आशीर्वाद भी दिया उसी समय माता का रूप गौर वर्ण हो गया उसी समय से इन्हें महागौरी माता के रूप में पूजा जाता है नवरात्र की अष्टमी को महागौरी की पूजा की जाती है महागौरी माता हर प्रकार से सुख संपत्ति प्रदान करने वाली है।