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झबरेड़ा:- कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र से दर्जनों की संख्या में भक्तगण गोगा जाहरवीर की छड़ी लेकर पहुंच रहे राजस्थान के हनुमानगढ़,ढोल बजाकर व नाच कूद कर की जा रही गोगा जाहरवीर की पूजा अर्चना व सेवा

झबरेड़ा। कस्बा व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से दर्जनों की संख्या में गोगा वीर के भगत छड़ी लेकर राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ में स्थित भगवान गोगा वीर के मंदिर पर चिढ़ाने के लिए प्रस्थान किया राजस्थान स्थित मंदिर में जाने से पूर्व ढोल धमाकों वह नाच कूद के साथ कस्बे में स्थित गोगा वीर मंदिर व भगवान शिव मंदिर में पूजा अर्चना की गई।

भगवान गोगा वीर जिसे जाहरवीर भी कहते हैं इनका मुख्य मंदिर राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ में स्थित है तथा गोगा वीर का जन्म स्थान हनुमानगढ़ से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम ददरेवा में हुआ था मांगी गई मन्नत पूरी होने पर प्रतिवर्ष क्षेत्र से उनके भगत वहां पर प्रसाद के रूप में चने की दाल व प्याज तथा हलवा चढ़ाने के लिए जाते हैं कस्बे में स्थित गोगा वीर मंदिर के भगत रामकुमार कश्यप का कहना है कि कुछ लोग भगवान गोगा वीर से मन्नत मांग लेते हैं उनकी मनोकामना पूरी होने पर वे लोग राजस्थान हनुमानगढ़ में स्थित गोगा वीर मंदिर में जाकर प्रसाद व छड़ी चढ़ाकर भगवान गोगा वीर के सामने नतमस्तक होते हैं किवदंती है कि जिन लोगों की मांगी हुई मनोकामना पूरी हो जाती है वह लोग नंगे पैर तथा पीले कपड़े धारण कर वहां पर प्रसाद चढ़ाने के लिए जाते हैं प्रसाद के रूप में चने की दाल तथा उसमें प्याज मिलाकर बाटी जाती है हलवा भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है प्रसाद चढ़ाने के साथ-साथ छड़ी भी चढ़ाई जाती है यह छड़ी एक बांस की होती है बांस की छड़ी पर नीला कपड़ा लपेटा जाता है तथा ऊपर की ओर एक सिरे पर मोर पंख तथा पंखे जो खजूर के पेड़ की पत्तियों से बनाए जाते हैं वहां से आने के बाद प्रसाद के रूप में एक भोज दिया जाता है भोज में कढ़ी चावल का प्रसाद तथा हलवा वितरित किया जाता है जिसे कंदुरी कहा जाता है छड़ी व प्रसाद चढ़ाने वाले जब से घर से जाते हैं तथा उनके घर वापस आने तक उनके घर पर ढोल बजाए जाते हैं तथा गोगा वीर की पूजा अर्चना लगातार की जाती है उनके परिजन भी नंगे पैर रहकर भगवान गोगा वीर की पूजा अर्चना के साथ साथ लोगों की सेवा करते रहते हैं राम कुमार भगत का कहना है कि कुछ लोगों के यहां बच्चा ना होने की स्थिति में भी या अन्य परेशानी होने पर गोगा वीर जी पर प्रसाद चढ़ाने की कहकर मन्नत मांग ली जाती है वह मन्नत पूरी होने पर वहां पर हनुमानगढ़ स्थित मंदिर जाकर प्रसाद अवश्य चढ़ाया जाता है और साधना चढ़ाने की स्थिति में गोगा वीर जी सपने में आकर अपना प्रसाद चढ़ाने के लिए याद दिलाते हैं मनौती मांगने पर उसे अवश्य पूरी करनी पड़ती है कस्बे व क्षेत्र से शिराज सैनी रोहित कुमार पवन कुमार 70 वर्षीय गिलो देवी तथा 4 वर्षीय बच्चा सोनू भी अपने मां-बाप के साथ झबरेड़ा में स्थित गोगा वीर मंदिर व शिव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद राजस्थान हनुमानगढ़ स्थित गोगा वीर मंदिर में प्रसाद व छड़ी चढ़ाने के लिए प्रस्थान किया गया इस अवसर पर ढोल धमाके में नाच कूद होता रहा सैकड़ों की संख्या में गोगा वीर जी के भगत महिला व पुरुष उपस्थित रहे गोगा वीर जी की जय के नारे लगातार लगते रहे।

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