झबरेड़ा। कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र में सावन की हरियाली तीज का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हरियाली तीज को महिलाओ द्वारा भगवान शिव पार्वती की पूजा अर्चना कर अपने अपने परिवार की सुख शांति व पति की लंबी आयु के कामना की गई।
कस्बा व क्षेत्र में हरियाली तीज का त्यौहार हर्षोल्लास व शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया घरों में महिलाओं द्वारा पकवान व मिष्ठान बनाकर भगवान शिव व मां पार्वती को भोग लगाने के बाद सुख शांति की कामना की गई किवदंती है कि हिमालय की पुत्री पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए अपने पिता हिमालय व मां हेमा से अनुमति लेकर हिमालय पर्वत पर जाकर घोर तपस्या की थी भगवान भोलेनाथ ने मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे पत्नी के रूप में वर ने का आशीर्वाद दिया था माता पार्वती ने भगवान शिव से प्रार्थना की थी वह उसके माता-पिता के पास जाकर विधि विधान के अनुसार उसका हाथ मांग कर उसके साथ विधि पूर्वक विवाह करें पार्वती को दिए गए वरदान के अनुसार भगवान शिव ने हिमालय पर्वत व पार्वती की माता के पास जाकर पार्वती का हाथ मांगा था बाद में भगवान शिव देवी देवताओं की बारात लेकर हिमालय पर्वत के यहां जाकर पार्वती के साथ विधि विधान से विवाह किया था जिस दिन शिव पार्वती का विवाह हुआ वह दिन श्रावण मास की तृतीया तिथि थी माना जाता है कि जो भी महिला इस दिन भगवान भोलेनाथ व मां पार्वती की पूजा अर्चना करती है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है उसी समय से श्रावण मास की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्यौहार श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है वहीं दूसरी और हरियाली तीज के त्यौहार पर वीर जहारवीर के निशान खड़े कर ढोल नगाड़े बजाते हुए भक्त बागड़ को भी रवाना हुए।